रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। ऊँ ऐं हीं श्रीं हीं हूं हैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय • रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं। यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम क्षणेन हन https://in.pinterest.com/vashikaranspecialistnexpert/