कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।। कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥ देवनः यदा यदा https://shivchalisalyricsinhindip69056.look4blog.com/68639329/5-essential-elements-for-shiv-chalisa-lyrics-in-hindi-pdf-download