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Lyrics shiv chalisa Secrets

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । https://augustcgndg.liberty-blog.com/29863988/shiv-chalisa-lyrics-in-marathi-an-overview

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